कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं - नीता झा
भगवान का कण-कण में वास होता है। वो हमें हर समय मार्गदर्शन देते रहते है। ऐसी बाते हम बचपन से सुनते आए हैं। हमारे बहुत से देवी देवताओं के अनुपम उदाहरणों से हम जब चाहें अपने जीवन को आलोकित करते रहते हैं। अलग अलग सोच- विचार, भाषा- भाषी होंगे तो उनके अंतर्मन को स्पंदित करने उनकी निराश को आशा में बदलने के लिए अलग अलग प्रसंगों का होना भी जरूरी है। लेकिन सबका सार समझाने वाली कहानियां जब दादी-नानी सुनाती हैं। तो उससे सरल सहज और कोई माध्यम नहीं रह जाता, वो तय कर लेती हैं एक कहानी में अपनी दादी- नानी व अन्य लोगों की सीख में क्या और कितना मिलाकर नई पौध को संस्कार के कहानी रूपी खाद पानी से सिंचित करें।
भगवान भी अपने भक्तों को हर रूप में रहकर सभी परिस्थितियों में कैसे सहज बनकर श्रेष्ठ आचरण रखा जाए समझाते हैं। हमारे पूर्वजों ने बड़ी विषम परिस्थितियों में रह कर भी हमारे लिए बहुत से जीवनोपयोगी नियम , साधन व साधनाओं की खोज की हमे उसपर चलकर अपने बाद वाली पीढ़ी के लिए भी धरोहर रखना है ताकि हमारे बाद भी यह दुनिया अच्छी बनी रहे।
आज जन्माष्टमी के दिन हम भगवान कृष्ण की पूजा करने के साथ ही उनके भजनों, कथाओं इत्यादि के माध्यम से जीवन के सभी पक्षों को समझते हैं। जन्म के पहले से लेकर मृत्यु के बाद के सभी अच्छे बुरे कर्मो पर विस्तृत प्रसंग हमे शास्त्रों से जानने समझने को मिलता है। भक्ति का एक बड़ा ही रोचक पक्ष है ध्यान लगाना यदि सही गुरु हों और धैर्यवान शिष्य हो तो ध्यान का आनन्द अद्भुत हो जाता है।
साथ ही अलग- अलग मौसम के आनन्द के साथ उनसे होने वाली स्वास्थ्य सम्बंधित परेशानियों के शमन का उत्तम माध्यम होते हैं सभी भोग प्रसाद हमारे ऋषियों के तैयार आयुर्वेदिक तथ्यों को ध्यान में रख कर निर्धारित किया गया है। जिसे ग्रहण कर स्वस्थ रहा जा सके इसी तरह व्रत की भी विधियों के शास्त्रों के साथ सेहत से जुड़े महत्व हैं। जिन्हें समझकर उत्सवों का वास्तविक आनन्द उठाया जा सकता है।
नीता झा
🙏🙏👌👌🌹🌹श्री कृष्ण के जन्म दिन की सभी को बधाई🙏🙏
जवाब देंहटाएं