संदेश

अप्रैल, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

वो एक लड़की - नीता झा

चित्र
वो एक लड़की ही तो थी.. तो क्या ज्यादा नहीं पढ़ी!! वो एक लड़की ही तो थी.. क्या हुआ जल्दी व्याही गई!! और भेजी गई दूर गांव.. सब सिखाया है सहना!! मुह से उफ भी न करना.. सुबह उठकर नहा कर!! पूजा फिर चौका करना.. सबके पसन्द की थाली!! सबको दूध में दे मलाई.. सारा समेट सोने जाना!! उन्हें ही अपना  सर्वस्व कहना.. जो वो कहें वही करना!! किया भी उनका कहा.. सर झुकाए सहती रही!! बरसों बरस जीती रही.. मर्तबान की मछली बन!! पर उस दिन चीख पड़ी.. अपनी बात मनवा ही ली!! जब उसकी नन्ही लड़की.. पसन्द कर ली गई व्याहने!! नहीं मानी अपनी मनवाई.. विदा तो किया पेटी दे कर!! पर ससुराल नहीं भेजा उसे.. छोड़ आई डसती नज़रों से दूर!! उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज.. वो सबल नारी बन बढ़ेगी!! अपने साथ स्वयं न्याय करेगी.. अपनी परिभाषा स्वयं गढ़ेगी!! नीता झा

महिला काव्य मंच रायपुर – नीता झा

चित्र
आज दिनांक ३१ - ३ - २०२१  को महिला काव्य मंच की रायपुर शाखा द्वारा " अंर्तराष्ट्रीय महिला दिवस एवं होली" त्योहार के शुभ अवसर पर हमारी सभी बहनों ने। बड़ी मनमोहक रचनाएं प्रस्तुत कीं सर्वप्रथम श्रीमती नीता झा जी ने अपनी कविता "होली" में दादी और पोते - पोतियों की प्यार भरी त्योहारी मस्तियों का चित्रण कुछ इस तरह किया - प्यार भरी होली आई.... अगली कविता श्रीमती सीमा निगम जी की कविता - "फिर होली आई" शीर्षक पर अपनी कविता प्रस्तुत की होली के विषय मे जानकारी के साथ "अबीर गुलाल उड़ रहे चहुं दिशा" होली के स्वादिष्ट पकवानों की प्रकृति के सौंदर्य के माध्यम से पूरे माहौल को होली मय बना दिया।  इसी कड़ी में श्रीमती पल्लवी झा जी ने अपानी कविता "होली का त्योहार" शीर्षक पर पानी की बचत का संदेश देती कविता "अबकी बार नीर बचाकर होली त्योहार मनाएं" की शानदार प्रस्तुति दी। ततपश्चात श्रीमती अनिता झा जी ने अपने होली गीत "मधुबन में छाई मस्त बहार होली के रंग में हुए सरबर" के साथ ही होली के उल्लास का सुंदर चित्रण किया। श्रीमती शुभ्रा ठाकुर ...