महिला काव्य मंच रायपुर – नीता झा

आज दिनांक ३१ - ३ - २०२१  को महिला काव्य मंच की रायपुर शाखा द्वारा " अंर्तराष्ट्रीय महिला दिवस एवं होली" त्योहार के शुभ अवसर पर हमारी सभी बहनों ने। बड़ी मनमोहक रचनाएं प्रस्तुत कीं
सर्वप्रथम श्रीमती नीता झा जी ने अपनी कविता "होली" में दादी और पोते - पोतियों की प्यार भरी त्योहारी मस्तियों का चित्रण कुछ इस तरह किया - प्यार भरी होली आई....

अगली कविता श्रीमती सीमा निगम जी की कविता - "फिर होली आई" शीर्षक पर अपनी कविता प्रस्तुत की होली के विषय मे जानकारी के साथ "अबीर गुलाल उड़ रहे चहुं दिशा" होली के स्वादिष्ट पकवानों की प्रकृति के सौंदर्य के माध्यम से पूरे माहौल को होली मय बना दिया।

 इसी कड़ी में श्रीमती पल्लवी झा जी ने अपानी कविता "होली का त्योहार" शीर्षक पर पानी की बचत का संदेश देती कविता "अबकी बार नीर बचाकर होली त्योहार मनाएं" की शानदार प्रस्तुति दी।

ततपश्चात श्रीमती अनिता झा जी ने अपने होली गीत "मधुबन में छाई मस्त बहार
होली के रंग में हुए सरबर"
के साथ ही होली के उल्लास का सुंदर चित्रण किया।
श्रीमती शुभ्रा ठाकुर जी ने भी अपनी कविता " में  होली के रंगों को प्रकृति के साथ जोड़ते हुए बड़ी सुंदर कविता प्रस्तुत की।
    कार्यक्रम की श्रंखला को आगे बढ़ते हुए कृति प्रदीप जी ने नारी की गरिमा को गौरान्वित करती हुई बड़ी सौम्यता भरी किन्तु सशक्त कवित - 
    "मन बीज उपजी कल्पना
    मन प्रीत सजी अल्पना"
    के माध्यम से नारीत्व की गरिमा का बड़ा सुंदर चित्रण किया है।
    साथ ही संगीत पांडे जी ने भी वसन्तोत्सव पर अपनी प्रकृति को परिभाषित करती प्यारी सी रचना - "अली रे ओ ऋतू राज वसंत"
    
    हमारी सभी कवयित्री बहनों ने अपनी शानदार प्रस्तुति में बड़े ही सरल तरीके से वर्तमान परिवेश हेतु बहुत उपयोगी जानकारियों का बड़ा ही सुंदर समावेश किया जिससे उनकी कविताओं की गरिमा द्विगुणित हो गई।
    आशा करते हैं भविष्य में भी आप सभी की ऐसी ही शानदार प्रस्तुति का रसास्वादन करने का सौभाग्य मिलता रहेगा।
    धन्यवाद
    नीता झा

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