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नई कहानी गढ़ो अब तो बात पुरानी बहुत हो गई झूठी दया की बात बहुत घड़ियाली आंसू बहुत हुए कैसी लाचारी कहो जरा और कैसी बेड़ी पांव पड़ी न कोई कमजोरी तुम में नहीं  अबला समझ रखो कड़वी बातें मगर ध्यान की बेचारी अबला कभी न थीं झूठे दर्पण में खुद को देख तुम खुद को न समझ सकीं धीरज बहुत है शस्त्र तुम्हारा मेधा बुद्धि सदा अस्त्र तुम्हारा दो घर पाकर भी ना जीती हो हक पा भी ना समझ सकी हो मान चाहिए, सम्मान चाहिए हर सरहद पर विराम चाहिए उठो बढ़ो और हाथ बढ़ा कर झोली मेहनत से भर भी लो बहुतों ने था तुम्हे सम्हाला जीवन जीने लायक बनाया अब उनपे न फिकरे कसो खुद को पहले साबित करो सम्मान भरा अधिकार और उन्मुक्त गगन में परवाज़ भी चलो अब मंज़िल की ओर अपनी उड़ान पे ध्यान दो नई कहानी गढ़ो अब तो बात पुरानी बहुत हो गई

निपुर्ण हर्बल प्रोडक्ट - नीता झा

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 उद्देश्य  निपुर्ण हर्बल में हमने उन सभी स्वास्थ्य सार्धक वनस्पतियों के संयोजन से दैनिक उपयोग में आने वाली स्वास्थ्यप्रद सौंदर्य सामग्रियों का निर्माण किया जिनकी सहायता से बिना किसी नुकसान के अपने आपको निखारा जा सके। मेरा जन्म छत्तीसगढ़ के बस्तर में हुआ है ।जो प्राकृतिक रूप से अत्यंत ही वैभवशाली रहा है।वहां की वनस्पतिक सम्पदा अत्यंत ही गुणकारी है। क्योंकि वहां के वातावरण में प्रदूषण नही है।इसी वजह से वहां की वनोषधियाँ अच्छे परिणाम देती हैं। आजकल के प्रदूषित वातावरण ,अस्वस्थ्यप्रद आहार विहार के दुष्परिणाम स्वरूप कई तरह की स्वास्थ्यगत समस्याएं होती हैं।जिसका काफी असर हमारी त्वचा व बालों की सेहत पर पड़ता है। हम ऐसे में कई तरह के केमिकल से निर्मित सौन्दर्यप्रसाधनो का उपयोग करने लगते हैं। जो समस्या को कम करने की बजाए बढ़ा भी देते हैं और साथ ही साथ छुपा भी देते हैं। जिस कारण तुरन्त तो पता नही चलता किन्तु कुछ समय के बाद परेशानी बढ़ने लगती है।    चूँकि बचपन से ही मैने घरेलू नुस्खों को बखूबी अपने परिवार में अच्छे परिणाम के साथ उपयोग करते देखा है। और मुझे ये सब पसन्द भ...