गांव की मिट्टी - नीता झा (कहानी)

सुलभा ने साड़ी ठीक करते हुए आवाज़ लगाई जय-विजय पानी ज्यादा रखना नहीं तो पापा के सामने लड़ने लगोगे पिछली बार की तरह और चप्पल पहनती हुई बाहर आ गई उसके हाथ में नाशते का थैला था।



अपने गांव की सीमा में लगे प्लाट पर पहुंच कर तीनो ने बड़े आदर भाव से शहीद विनोद की प्रतिमा को प्रणाम किया और बड़े मनोयोग से प्रतिमा,चबूतरे और आस-पास की जगह को हंसी मजाक और नोक-झोंक करते हुए साफ करने के बाद विनोद की प्रतिमा के पास बैठ गए तीनो अपनी अपनी बातें, शिकायतें सारा कुछ  शेयर करते करते चार प्लेट नाश्ता निकल कर उसमें से एक प्लेट शहीद विनोद के सामने रखकर बड़े ही श्रद्धा भाव से नमन करके उसे तीनो प्लेट में बांट कर खाने बैठ गए।

एकबार कुछ लोग यहां की बातें फोटो वगैरह लेने सरपंच जी के यहां परमिशन लेने गए तो उन्होंने बड़े प्यार से समझाया - "आप बाकी किसी भी समय हमारे विनोद बाबू की फोटो ले लीजिए उनके पूरे गाँव की पर ये समय उनके परिवार का होता है तब हम क्या उनके परिवार के बाकी लोग तक वहां नहीं जाते ठीक वैसे ही जैसे रविवार को आप अपने परिवार के साथ अपना समय बिताते हैं।  सिर्फ और सिर्फ आपके बीवी बच्चों के साथ।

पत्रकार सरपंच जी को हैरत से देखने लगा तो उन्होंने आगे कहा-" देखो बेटा हमारे गांव में इतने ज्यादा लोग नहीं हैं कि हम सबका ध्यान न दे पाएं हमने हर हालात का हमेशा मिलजुल कर सामना किया है। शहीद विनोद बाबू लोगों ने एक प्लाट खरीद था घर बनाने को पर घर बनता इससे पहले वो देश के काम आ गए अब घर वालों ने घर बनाने का विचार त्याग दिया परिवार की जिम्मेदारी भी बढ़ गई तो अब वहां दीवार बनवाकर फलदार पेड़ और सब्जियां लगते हैं गायें पाली जाती हैं पूरा परिवार का इन्ही सब कामों में व्यस्त भी हो गया है जब उनकी प्रतिमा लगाने की बात की हमारी पंचायत ने तो उनलोगों ने प्रतिमा उसी जमीन में लगाने की बात कही और बात भी ऐसी अकाट्य के हमने पूरी श्रद्धा से उनकी स्थापना करवाई।
   "क्या कहा उन्होंने"

पत्रकार का कौतूहल चरम पर था और सरपंच जी का चेहरा गर्वित मुस्कान से दमक गया
स्वयं बहु ने कहा था-"यदि आपलोग आशीर्वाद दें तो जिस जमीन को हमने बड़े सपने के साथ तैयार किया था घर बनाने को ताकि हमसब एक साथ रह सकें वहां इनकी मूर्ति स्थापित करवा दें लगेगा हमसब साथ साथ हैं वैसे भी शहीद तो अमर होते हैं यहां उन्हें महसूस कर अच्छा लगेगा"

बहु की बात रखना हमारा फर्ज था सो वही हुआ आज सही में लगता है बाबू हमारे बीच हैं वो जगह किसी मंदिर से कम नहीं हमसभी गांव वाले वहां जाते भी हैं सारे सुख दुख बाटते भी हैं

सरपंच जी की आंखें नम हो गईं और पत्रकार ने सोमवार के दिन आने का आग्रह किया और गांव की मिट्टी को नमन कर चला गया।

-नीता झा

टिप्पणियाँ

  1. Easy "water hack" burns 2 lbs OVERNIGHT

    Over 160000 women and men are using a easy and SECRET "liquid hack" to drop 2lbs each night in their sleep.

    It is very easy and it works on everybody.

    This is how to do it yourself:

    1) Go get a clear glass and fill it half the way

    2) Now learn this weight losing hack

    you'll be 2lbs lighter when you wake up!

    जवाब देंहटाएं

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

निपूर्ण योग संस्थान रायपुर छत्तीसगढ में योग दिवस - नीता झा

योग के लिए खुद को तैयार कैसे किया जाए - नीता झा

निपूर्ण योग केंद्र