हम नवयुगी महिलाएं हैं - नीता झा
बरसी का जश्न मना रहे हैं
हम नवयुगी महिलाएं हैं
हम महिलादिवस मना रहे हैं
लूटी अबलाओं का शोक भी
और न लुटे अब कोई जननी
इस प्रयास का संकल्प भी
साथ करने जा रहे हैं
हम नवयुगी महिलाएं हैं
हम महिलादिवस मन रहे हैं
बंद मुट्ठी थी हमारी जब तक
हाथ हमारे कहां जुड़े हुए थे
खोल मुट्ठियाँ भ्रांतियों की हम
स्त्री श्रंखला बना रहे हैं
कर्तव्य के भारी दुशाले में जड़े
उलाहनों के चटक कशीदे छोड़
अपनी बेटियों के रेशमी दुशाले
खुशियों से पिरोने जा रहे हैं
हम नवयुगी महिलाएं हैं
हम महिलादिवस मना रहे हैं
हम घर की श्री हैं मानते सब
अब अपनी उपस्थिति सबमे
सुनिश्चित करना चाहते हैं
अपनी कमजोरी का स्वयं
ही हम अंत करने जा रहे हैं
हम नवयुगी महिलाएं हैं
हम महिलादिवस मना रहे है
अवसादों को छोड़ झटक
सारी पीड़ाओं को दफ़्न कर
उत्साह, उमंग का खुद बढ़ कर
जीवन में संचार करने जा रहे हैं
हम जननी हैं सृजन का श्रेय हमको
नई उम्मीदों में आत्मविश्वास का
बीजारोपण करने जा रहे हैं
हम नवयुगी महिलाएं हैं
हम महिलादिवस मना रहे हैं
नीता झा
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