मातृ दिवस - नीता झा
मातृ दिवस के आते ही अम्मा और बच्चों के बीच मन विचरने लगता है। अम्मा जिनसे जीवन मिला, संस्कार पाया जीने की शर्तों के साथ खुशियों की अठखेलियों से सामंजस्य करना आया उनके अलावा भी नानी पक्ष और दादी पक्ष के सभी रिश्तों से, भाभियों से कितना ममत्व मिला सभी से जाने अनजाने कितना कुछ सिखे- समझे पता ही नहीं चला अल्पायु में ही अम्मा का साया सर से उठने के बाद भी आज तक मुश्किलों से बाहर निकलने के रास्ते मिल जाते हैं वो दो जोड़ी आंखे माता-पिता की जो हमेशा हम भाई बहन की परवाह में ही लगी होतीं आज भी जब कभी दुख, पीड़ा हो तो उनकी सिख हमारी मुश्किलें आसान करती राह दिखाती हैं।
माँ स्त्री है पर मातृत्व दुनियां की सबसे कोमल भावना जो बचपन से लेकर बुढ़ापे तक हमे सहारा देती है।
जब हम जन्म लेते हैं परिवार आसपड़ोस की तमाम मातृ शक्तियां हमे अपने अपने अनुभवों शिक्षा से सुसंस्कृत बनाती हैं। शिक्षा, व्यवसाय या जॉब कहीं भी जाएं हर कदम पर मदद को तैयार होती हैं जब किसी की शादी तय हो जाए तो उस परिवार के साथ सबलोग बड़े उत्साह से लग जाते हैं। विदाई भी ऐसी की सबकी आंखें नम हो जाए और जब नई नवेली ससुराल पहुंचती है बड़े प्यार से स्वागत करके एक एक कर सभी महिलाएं बड़े प्यार से आशीर्वाद दे कर इसे गले लगती हैं की नव विवाहिता का डर हट जाता है और वो मातृत्व भरे ससुराल में रच बस जाती है।
मातृ दिवस के इस पवन अवसर पर सभी मातृ शक्तियों को सादर प्रणाम सबने मुझे हमेशा प्यार से सँवारा चाहे वे मुझसे उम्र में बड़ी हों, मेरी हम उम्र हों या मुझसे छोटी उनके मातृत्व भरे प्यार को सादर नमन
नीता झा
माताओं के मातृत्व को प्रणाम 🙏
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
हटाएंमातृत्व दिवस पे एक बहुत अच्छी रचना🙏🙏
जवाब देंहटाएंमन को छू लेने वाला लेख पढ़कर खुशी हुई। हार्दिक शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद
जवाब देंहटाएंनीता तुम सौभाग्यशाली हो ,, माँ की लाडली भी हो और स्वयं माँ अपने दोनों संस्कार वान संतानों की ,, बधाई।
जवाब देंहटाएंJanani ur janmbhumi swarg se mahan hai
जवाब देंहटाएंSuvichar ke liye bahut bahut badhai neeta
जवाब देंहटाएंआप सबो को सादर धन्यवाद यदि आपलोग साथ मे अपना नाम भी लिखेंगे तो और अच्छा होगा मुझे नाम नहीं पता चलता
हटाएंBahot hi badhiya lekh hai.
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