प्रकृति का वरदान "हरियाली" - ६ नीता झा।


                         केसर
  केसर भगवती को अति प्रिय है। भोग के लिए जब भी खीर बनती है। तो हम सभी की यही कोशिश रहती है, के मेवे, इलायची के साथ केसर हो जाए,  माँ के पसन्द की खीर होगी। किसी  भी भोग, और मिष्ठान को सुगन्ध और स्वास्थ्य से रंगने वाला केसर चाहे थोड़ा महंगा है किन्तु इसके गुणों के आगे मूल्य कम लगता है।
  केसर में ब्लडप्रेशर कंट्रोल करने का गुण होता है, मिर्गी का दौर कम करता है, खांसी से बचाता है, केंसर रोधी होता है, तनाव चिंता कम करता है, मस्तिष्क क्षमता बढ़ाता है, डिप्रेशन कम करता है, आंखों की रोशनी ठीक करता है, गर्भावस्था के सातवे महीने से अल्प मात्रा में दूध के साथ केसर लेना पाचन अच्छा रख कर स्वस्थ बनाता है, हृदय को बल मिलता है, केसर दूध से शरीर के रक्त की शुद्धि होती है, हड्डी मजबूत करता है, हार्मोन्स के असंतुलन को ठीक करता है, केसर, चंदन माथे पर लगाने से सरदर्द ठीक हो दिमाग ठंडा होता है, उबटन में केसर दूध मिलाकर लगाने से चेहरे की कांति बढ़ती है और भी बहुत से फायदों से युक्त केसर तासीर में गर्म होता है। इसकारण किसी जानकर व्यक्ति की सलाह के बाद ही प्रयोग में लाना चाहिए।
   दूध, पानी, नमक, शहद, तेल और दही इत्यादि के साथ जरूरत के अनुसार केसर का प्रयोग उत्तम होता है।
                      नीता झा

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