आइये हमअपनी जिम्मेदारी सुनिश्चित करें - नीता झा

कोरोना वायरस के साथ पनपती असंतोष की नागफनी
भारत ही नहीं समूचे विश्व को अपने दंश से पीड़ित कर रही है। इस महामारी ने कई तरह से परेशान कर रखा है। समस्या चाहे कोई भी हो समय पर ईमानदारी से ध्यान न देने पर उससे निपटना मुश्किल या यूँ कहें कभी कभी असम्भव हो जाता है। 
      "सोने की चिड़िया" का विदेशी दोहन अचानक ही नहीं हुआ; मुट्ठी भर लोगों की लापरवाह व्यवस्था से हुई छोटी-छोटी चूक ने लंबे समय तक देश को गुलाम बना दिया। जिसकी कसक विदेशी भाषा के रूप में आज भी विद्यमान है। इस गुलामी से आज़ादी कब मिलेगी कहना किसी के लिए भी आसान नहीं।
      जब-जब जनता हिस्सों में बंट कर अपने अपने सूरमाओं के भरोसे; अंर्तकलह को राजनीति का जामा पहना मूक दर्शक बनती रहेगी और अपने समर्थन के बदले रेज़गारियों से आनन्दित होती रहेगी, देश का कुछ खास भला नहीं कर सकते।
      किसी भी व्यवस्था पर उंगली उठाने से पहले हमे स्वयं को भी देखना होगा। हमने जो भी मांग की है,उसके लायक हैं भी या नहीं; केवल वोट देकर देश को नहीं चलाया जा सकता। हर व्यक्ति को देश की प्रगति के लिए अपनी भूमिका सुनिश्चित करनी होगी।
      साधन का स्वाद चख कर पेट नहीं भरता तो क्यों न दुसरों से विनती कर या लड़- झगड़ कर अपनी पूर्ति करने की बजाए स्वयं खुद के लिए मेहनत की जाए।
      कोरोना वायरस से अचानक हुई ऑफर-तफरी ने सारे जनजीवन को अस्तव्यस्त कर दिया है। थोड़े-बहुत लोगों को छोड़ कर बाकी सब, इस संकट से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। फिर भी अबतक ऐसी बातों पर ही सबका ध्यान दिलाया जा रहा है जिपर आम जनता कुछ नहीं कर सकती बजाए इसके कि उन्हें उनकी भूमिका सुनिश्चित कराई जाए। लोग देश भक्त हैं, जो नहीं हैं उन्हें होना पड़ेगा; अभी अन्य दूसरी भक्ति की देश को कोई जरूरत नहीं है। वो मन की भावना है उसे मन तक रख कर भुखमरी, बेरोजगारी, असंतोष से उपजे अवसादों इत्यादि से बचने सार्थक विमर्श के साथ, अपने अपनो के अतिरिक्त उन सभी लोगों को दिशा देना चाहिए, जिन्हें इसकी आवश्यकता है।
     इस ग्रुप में जुड़े सभी भाई-बहन से मेरा निवेदन हैआप अपनी अपनी उपयोगी जानकारी यहां भेजें मुझे विश्वास है आपकी दी हुई जानकारियां, सलाह बहुतों की ज़िंदगी की समस्याएं खत्म करेंगी।
     वर्तमान परिवेश को देखते हुए हम विभिन्न व्यवसायों, खेती, कुटीर उद्योग भोजन व्यवस्था, रहन सहन, योग, ध्यान, व्यायाम के विभिन्न अंगों के प्रभाव, सभी के लाभ-हानि इत्यादि की जानकारियां हों तो ग्रुप की सार्थकता होगी  हर जीवन कीमती है और सबका कोई सार्थक मकसद हो जो देश के काम आए तो सबकुछ बढ़िया होगा ।
                   धन्यवाद
                               नीता झा

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

निपूर्ण योग संस्थान रायपुर छत्तीसगढ में योग दिवस - नीता झा

योग के लिए खुद को तैयार कैसे किया जाए - नीता झा

निपूर्ण योग केंद्र