अभी देर नहीं हुई - नीता झा
साथियों अभी वर्तमान समय हर तरह की परेशानियों से घिरता जा रहा है। ऐसे में हमारा विवेक और संयम हमे काफी हद तक मुसीबतों से बचा सकता है।
कोरोना वायरस ने सारी दुनियां में कई तरह से नुकसान पहुंचाया साथ ही कहीं आग से तो कहीं, पानी से, कहीं भूस्खलन तो कहीं, भूकम्प इत्यादि से जान-माल की काफी हानि हुई इसपर कई देशों में हो रही युद्ध जैसी स्थिति का बनना अच्छा संकेत नहीं है।
इस समय हर कोई अपनी अपनी भूमिका के अनुसार काम कर रहे हैं। चाहे वो नेता हों, सैनिक, अधिकारी, वैज्ञानिक, समाजसेवी या कृषक,डॉक्टर फेहरिस्त बहुत लम्बी है। हमेशा सभी लोग अपने-अपने कामो में लगे रहते हैं तभी दुनियां चलती है। जब कहीं कोई गलतियां करता है दुष्प्रभाव भी दिखता है। कौन हैं ये जिम्मेदार लोग?
हम या हमारे बीच के ही लोग गलतियां भी करते हैं और सुधारने वाले भी हम और हमारे बीच के ही लोग हैं। तो सबकी अपनी अपनी जिम्मेदारियां हैं उन्हें करने दें हम किसी भी कार्यक्षेत्र से हों हैं तो भारतीय नागरिक इस नाते हमारी भी कुछ जिम्मेदारियां देश के प्रति बनती हैं जिन्हें हम स्वयं ही निभा सकते है। जैसे कोरोना वायरस से खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखने में विशेष ध्यान देना सरकारी प्रयास का सही लाभ तो तभी मिलेगा जब हम उनके दिशानिर्देश का पालन करेंगे।
अब जब यह साबित हो गया कि चीन के समान खरीद कर हम स्वयं का और देश का नुकसान कर रहे हैं ऐसे में चाहे कुछ परेशानी हो किन्तु हमें स्वदेशी वस्तुएं लेना चाहिए। फिर बहुत जरूरी हो तो अन्य मित्र देश हैं ना भारतीय सामानों की खरीदारी करना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।
साथ ही भारतीय सामानों के निर्माताओं की भूमिका भी महत्वपूर्ण होनी चाहिए अब उनकी देश भक्ति की भी परीक्षा है वो कैसे अपने देश वासियों को बेहतर से बेहतर समान कम मूल्यों पर बेचते हैं। यह उन्हें भी तय करना होगा लोग अपने मेहनत की कमाई का सही मूल्यांकन चाहते हैं। अगर वो स्वदेशी में मिलेगा तो सभी लोग खुशी खुशी स्वदेशी समान ही खरीदना पसन्द करेंगे।
ऐसे में खरीददार और निर्माता के बीच सरकार की भी ईमानदार कोशिश होनी चाहिए तभी हमेशा के लिए सार्थक और सही परिणाम मिलेंगे।
नीता झा
बिलकुल सही कहा दी🙏 ऐसे हालात में हमारा हमारा विवेक और संयम हमे काफी हद तक मुसीबतों से बचा सकता है। 🙏
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