हे पुरुषोत्तम तुम्हारी जरूरत है - नीता झा

हे पुरुषोत्तम तुम्हारी जरूरत है,
हम भक्तों की पीड़ा हर फिर
हम सब के कर्मो में बस जाओ
लड़खड़ा रही सारी वसुंधरा।।
खो रहा सारा ओज गगन का,
हे भक्तवत्सल प्रभु राम हम
तुम्हारी व्यथा न पहचान सके।।
भूमिजा के प्रियवर नाथ प्रभु,
बस तुम्हे ही हम पुकार रहे।।
संग लाओ प्रभु मैथिली को,
साथ अपने स्थान दिलाओ।।
प्रस्तर सी प्रकृत नारी की अब,
उन्हें जड़ता से विराम दिलाओ।।
हे पुरुषोत्तम तुम्हारी जरूरत है,
बिखर रही मानवता की महिमा,
हम सब का कल्याण करो।।
वो भाई भी संग विराजें फिर,
भाईचारे का देश में संचार हो।।
भ्रातृप्रेम से ओतप्रोत तब हर,
घर-आंगन और गलियारा हो।।
बजरंगी सा ब्रम्हचर्य, विद्ववता,
और शक्तिशाली हर जवान हो।।
हो देशभक्ति हर इंसान में भरी,
ऐसा गुणी भारतवर्ष हमारा हो ।।
हो विश्वगुरू भारत देश हमारा,
जग में हिंदुत्व की पहचान हो।।
        नीता झा

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

निपूर्ण योग संस्थान रायपुर छत्तीसगढ में योग दिवस - नीता झा

योग के लिए खुद को तैयार कैसे किया जाए - नीता झा

निपूर्ण योग केंद्र