निरोगी काया, प्रसन्न मन और  ऊर्जावान जीवनशैली की बात ही कुछ और होती है। ये सब सफल जीवन के आधार हैं। इसलिए इनका ध्यान रखना भी हमारे जीवन की प्राथमिकता होनी चाहिए। तो आइए हम सर्वप्रथम विमर्श निरोगी काया पर करें।
      निरोगी काया मतलब रोग रहित, व्याधि रहित काया का होना विरले ही मिलता है। इसके लिए खाद्य सामग्रियों की गुणवत्ता, उन्हें पकाने, खाने, खा कर पचाने फिर पचे हुए सत्व का शरीर पर किया जाने वाला शोषण और अवशिष्ट का सही समय, सही तरीके से निष्कासित होना ये सभी बातें संतुलित होनी चाहिए किन्तु ये सब संतुलित हों ऐसा प्रायः सम्भव नहीं है। ऐसे में हमे अपने शरीर की देखभाल के लिए सतर्क रहना चाहिए यथासम्भव व्यायाम, योग, खेल- कूद, शारीरिक श्रम करते रहना चाहिए।
      प्रसन्न मन- अपने आप को खुश रखना सबसे पहले हमारी स्वयं की जिम्मेदारी है। इसके लिए हम किसी और को हमेशा दोष नहीं दे सकते हां कभी - कभी जीवन की परेशानियां हमे तोड़ कर रख देती हैं। फिर भी जीवन हमारा है; उसे खुशियों के अवसर भी हम ही देंगे इसके लिए हमे आशावादी होना होगा, मन मे यह ठान ले की, जब जीवन मिला है तो उसे अच्छे से जीना है। खुशियां मन से महसूस करने की भावना है। आप स्वयं निर्धारित करें आपको किस काम में मजा आता है। उसे सारी जिंदगी थोड़ा सा समय दीजिए किसी को साबित करने नहीं, अपने उस मन की खुशी के लिए जो आपके साथ जन्मा और आपके साथ मर भी जाएगा।
      हम मनुष्य हैं,अपने से ज्यादा समय हम अपने अपनो के लिए जीते हैं। उनकी परवाह करते हैं। तो जाहिर सी बात है। हमारे अपने भी हमारी वैसी ही फिक्र करते हैं। जब सब अपने हैं; तो खुश रहिए, जीवन को उत्सव बना लीजिए। यही सोच परेशानियों से जूझने का सबसे बड़ा हथियार है। आशावादी विचारधारा की आदत बना लेना और सबसे अहम बातें... हम जो हासिल कर पाए वह हमारी मेहनत है। उसपर गर्व करें जो नहीं मिला उसकी परवाह नहीं।
      ऊर्जावान-  कैलोरी का संचय और उपयोग करना जन्म से पहले से होने वाली प्रक्रिया है। इसे सुचारू रूप से चलने दीजिए शरीर जितना गतिशील होगा उतना स्वस्थ रहेगा तो जो भी कम करें उसमें यह भावना भी निहित हो कि आप दूसरों के साथ अपना स्वयं का भी भला कर रहे हैं।
     अपनी सुबह की दिनचर्या में योग को शामिल करके हम अपने शरीर को व्यधि मुक्त कर सकते हैं। आइये हम अपने जीवन को योग के द्वारा तंदुरुस्त, स्वस्थ, प्रसन्न बनाएं।
    इसके लिए हमने 
      तो अच्छा सोचें, अच्छा खाएं, अच्छा पहने, खुश रहें, स्वस्थ रहें और जीवन का भरपूर आनंद लें।
      नीता झा

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