तुम हो के नही
समझ आता ही नही
गिनती में हो,
फेमली फोटो में हो
सारे रिश्तों,नातों और
दिल के जज्बातों में हो
फिर ऐ दोस्त तुम ही बताओ
तुम मेरे घर मे क्यों नही हो
मैं तुम्हे चाहती हूं
अपने पास बिल्कुल ही पास
महसूस करना चाहती हूं
अपने हर पल में हो ख़ास
मेरी सारी ज़िंदगी के ख़्वाब
पर तुम हो के नही
समझ आता ही नही
नीता झा
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