नववर्ष स्वागत तुम्हारा - नीता झा


 
नव वर्ष स्वागत तुम्हारा
आए हो तो ये कर जाना
सुनी आंखें माँ की भीगीं
उनमें आशा दीप जलाने
बिखरी घर की व्यवस्था
व्यवस्थित उन्हें करदेना
टूटी आस बहुतों की है
जीवन मे खुशियाँ लाना
नववर्ष स्वागत तुम्हारा
आए हो तो ये कर आना
बस सच्ची कोशिश लेते आना
बस सच्ची कोशिश लेते आना.....

        वनवर्ष का आगमन हो गया है। आशा की नई किरण जागी है। हर कोई अपनी - अपनी परेशानियों के त्वरित हल की उम्मीद में हैं। काम या तो बन्द है; या धीमी गति से रेंग रहा है। किसी तरह इंटरनेट की बदौलत बच्चों की पढ़ाई चल रही है। लेकिन उनकी तमाम तरह की गतिविधियों में पूर्णतः रोक लग गई है। आर्थिक समस्याएं भी लोगों की परेशानी की वजह बनती जा रही है। ऐसे में चिंतित परिवार की कुंठा सहज ही समझी जा सकती है।
     हम अपनी दृष्टि से देखें तो बच्चों को कोरोना वायरस से सुरक्षित रखने का इससे अच्छा कोई उपाय नहीं है कि वे अपने घर मे रहें साथ ही जब बच्चों के नज़रिए से देखा जाए तो वो बड़ी परेशानी में हैं। एक तो सारे फ्रेंड्स छूट गए सारी दिनचर्या बदल गई अभी सबके पास पर्याप्त समय है तो जो अभिभावक बच्चों को पढा सकते हैं वो इत्मीनान से पढ़ा रहे हैं यानी समय की कोई पाबंदी नहीं वहीं जो बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई के भरोसे हैं वे स्कूल की अपेक्षा कम पढ़ पा रहे हैं। लेकिन जो बेहतर हो सकता है सभी जिम्मेदार लोग कर रहे हैं।
      घर मे खाने पीने खेलने कूदने की छूट मिल गई लेकिन सारे तामझाम मर्तबान की मछली की तरह चार दिवारी के अंदर ही हैं। इस बीच बाहर का खाना न खाने की मजबूरी ही सही पर हर घर की रसोई गुलज़ार रही। सभी ने मिलजुल कर घर मे ही स्वादिष्ट भोजन तैयार किए चाहे सादगी से ही सही सभी त्योहार, शादी व अन्य मांगलिक कार्यक्रम सम्पन्न हुए इस काल मे लगभग हर व्यक्ति ने अपने किसी न किसी दूर के या पास के अजीज को खोया है। बुरा वक्त है यह भी बीतेगा हमे अभी भी धैर्य से कम लेना होगा अभी ख़तरा टला नहीं है बल्कि और भी तेजी से फैलने लगा है तो अपनी सावधानी कम न रखें इतने दिनों तक जितनी भी साफ सफाई की आदतें बनी हैं उन्हें हमेशा अमल में लाएं प्रभावितों के साथ सद्भभावना रखें भविष्य को हर दृष्टि से संतुलित बनाए रखें। वर्ष नया आया है किंतु पिछले वर्ष की सारी समस्याएं वहीं की वहीं हैं तो ऐसे में कैलेंडर के हिसाब से नहीं समय की नज़ाकत को देखते हुए ही भविष्य की योजनाएं बनाएं पहले तो अपनी व अपने अपनो की बेहतरी पर अपना सारा ध्यान लगाएं। धीरे धीरे सब सही होगा।
     
नीता झा

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