योग और उसके विषय मे विमर्श - नीता झा

कुछ सामान्य विचार जो योग करने से पहले प्रायः सभी के मन मे आते हैं। सच कहूं तो मेरे मन के सवाल हैं जो मैं सोचा करती थी। मेरे पिताजी रोज सुबह उठकर योग किया करते थे संतुलित दिनचर्या, खान- पान और सभी बुरे व्यसनों से आजीवन दूर रहने का ही परिणाम था, कि ९३ वर्ष की जायु में बिना किसी कष्ट के उनका गोलोकवास हुआ। उस दिन तक भी उन्होंने यथाशक्ति अपने दैनिक कार्य किए यह योग के अष्टांग नियमो के पालन के कारण ही सम्भव हुआ।
  मेरा योग से परिचय उन्होंने ही कराया फिर जब विभिन्न आसनों के शरीर मे स्वास्थ्य सुख की अनुभूति हुई तो कई लोगों से सीखती रही यह क्रम अभी भी अनवरत चल रहा है। आज हम कुछ प्रश्नों के माध्यम से योग को महसूस करेंगे-
प्रश्न १ - योग में ऐसा क्या है कि सुबह सुबह की प्यारी सी मीठी नींद खराब की जाए?
उत्तर- एक सामान्य वयस्क व्यक्ति के लिए आठ से दस घण्टे की नींद पर्याप्त होती है। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए न इससे कम सोना चाहिए और न ज्यादा अब ये तो सभी जानते हैं सुबह की वायु शुद्ध होती है। सुबह सूर्य की किरण से हमे विटामिन डी मिलता है। जब उठना ही है तो क्यों ना थोड़ी जल्दी ही उठा जाए। 
      इसके लिए रात में थोड़ी जल्दी सोने की आदत डाली जाए जैसे यदि आप दस बजे सोते हैं तो पांच, छह बजे तक पर्याप्त नींद हो जाती है। और एक खास बात है। सोने से पहले यदि मोबाइल बन्द कर दिया जाए तो नीद जल्दी आती है। ये मेरा अनुभव है। 

प्रश्न २ - मुझे कौन सी बीमारी है कि मैं योग करूँ?

उत्तर- जी हां योग शुरू करने से पहले बहुत से लोगों का मानना है योग तभी करते हैं जब बीमार पड़ते हैं। लेकिन ये सही नहीं है योग तो इसलिए करना चाहिए कि हम स्वस्थ रहें। कभी बीमार ही न पड़ें और यदि कोई बीमारी होने लगे तो हमारी रोगप्रतिरोधक क्षमता उस बीमारी से हमे ठीक होने में मदद करे।


प्रश्न ३- दिन भर इतना काम कर लेते हैं कि हमको योग की कोई जरूरत नहीं है......
उत्तर - जब तक जीवन है तो काम तो करना ही है। काम करने से हम अपनी ग्रहण की हुई कैलोरी खर्च करते हैं। भूख लगती है फिर कुछ खा कर कैलोरी तैयार करते हैं यह सतत प्रक्रिया है जो चलती है चलती ही रहनी चाहिए किन्तु योग द्वारा हम अपने सभी अंगों को ज्यादा सुचारू रूप से चलाने के लिए खुद को और मजबूत करते हैं।

प्रश्न  ४ - ये सब खाली बैठे लोगों के लिए है मेरे पास इतना समय नहीं रहता....
काम सभी करते हैं। फिर भी यदि आपको लगता है। आपके पास बिल्कुल भी समय नहीं है इसका मतलब आपका शरीर या दिमाग लगातार काम कर रहा है। ऐसे में उसका ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है। 
   इसके लिए किसी योग्य प्रशिक्षित व्यक्ति से मिलकर कुछ ऐसे आसान से आसन सीख सकते हैं; जिन्हें आप काम करते करते भी कर सकते हैं। कभी कभार वो करें बाकी सही लाभ लेना है तो समय निकालना ही होगा।

प्रश्न ५ - मेरा शरीर एकदम फिट है; न ज्यादा फैट है, न ज्यादा पतली हूं, सब खान पान सही है फिर योगाभ्यास की क्या जरूरत?
उत्तर - योग दुबले, मोटे होने के लिए नही स्वस्थ शरीर के लिए की जाने वाली प्रक्रिया है। सही मात्रा में सही तरीके से किये गए योगाभ्यास से हमारा सम्पूर्ण शरीर स्वस्थ निरोगी रहता है इससे बीमारियों का इलाज भी सफलतापूर्वक किया जाता रहा है किंतु इसके लिए योग्य चिकित्सक की देखरेख में इलाज संभव है। स्वयं से अथवा अनुभवहीन  व्यक्ति का इलाज नुकसान भी पहुंच सकता है।
  तो योग करने से पहले उसके विषय मे जानकारियां होनी आवश्यक है। हमे अपनी योग यात्रा धीरे धीरे और संतुलित तरीके से करना चाहिए और योग करने से पहले योग के विषय मे पर्याप्त जानकारियां होना आवश्यक है।
  धन्यवाद
  नीता झा 

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