पीढ़ियां गुज़र जाएँ तो क्या.....नीता झा


पीढियां गुज़र जाए तो क्या इतिहास के पन्नो में...

जज़्बातों को संजोए रखना बहुत जरूरी होता है।।

सदियों की मेहनत से रचे इतिहास के पन्नो संग...

हाथों के छाले दिखाना बहुत जरूरी होता है।।

जाने कब कोई कहने लगे कुछ भी अनापशनाप...

हमेशा पुरखों की इज्जत करना जरूरी होता है।।

जो थे अपरिचित हमे दे गए बेशक़ीमती इतिहास...

उनके बलिदानो पर श्रद्धा रखना जरूरी होता है।।

गहरे रहस्यों की अंधियारी अज्ञानता की कोठरी...

कैसे कैसे जगमगाई जानना बहुत जरूरी होता है।।

चाबियां होती हैं छिपी हर मुश्किल घड़ियों की...

हर दौर में ग्रन्थों का पाठन बहुत जरूरी होता है।।

नीता झा

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