शहादत - नीता झा
समय के हृदय में बसने वाले...
जान की बाज़ी लगा कर भी!!
देश को आज़ादी दिलाने वाले...
विचरते भी होंगे कभी वतन में!!
करते होंगे नमन माँ भारती को...
देखते होंगे जब कभी ठहर कर!!
पूछते तो होंगे हाल माँ से भी...
कटती, लुटती मां की परिधि पर!!
घटते उसके आँचल के छोरों पर...
क्रोधित अत्यधिक फिर होते होंगे!!
खुद के नही और हमारे होने पर...
शायद उदास और क्रोधित होंगे!!
अनगिनत कुर्बानी से ही हमको...
आज़ादी भरा ये देश मिला है!!
जीने, खाने, समय बिताने को...
माँ भारती का आँचल मिला है!!
तीनो शहीदों की शहादत ने ...
जोश आज़ादी का फूंका था!!
उनकी ओजस्वी बातों से फिर...
अंग्रेजों का सारा हौसला टूटा था!!
चढा दिया फांसी पर युवाओं को...
सबका हौसला खत्म करने को!!
पर तमाम शहीदों की शहादत का...
यह परिणाम फिर निकला था!!
हर घर भगत, सुखदेव, राजगुरु...
सरीखा जवान युद्ध मे कूदा था!!
नीता झा
Jay Hind
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