महिला काव्य मंच रायपुर शाखा १७ - ०५ - २०२१ - नीता झा

आज दिनांक १७ - ०५ - २०२१ को महिला काव्य मंच की रायपुर शाखा द्वारा श्रीमती पल्लवी झा जी के सफल संचालन में उनके दिए विषय - "भोर" पर सभी कवयित्रियों ने अपनी भावनाओं को बड़ी ही मोहक शब्दावली से अलंकृत करते हुए  मनभावन रचनाएं प्रस्तुत कीं....

सर्वप्रथम श्रीमती नीता झा जी ने अपनी कविता " भोर" में अलग - अलग लोगों एवं परिवेश पर भोर पर होने वाली प्रतिक्रिया को कुछ यूं उकेरा -

"प्रकृति के सारे रंगों के निहारती...
फिर आई महादेव सी भोर।।

श्रीमती पल्लवी झा जी ने अपनी कविता - " भोर"
में भोर की अभिव्यक्ति को इन बड़े ही सुंदर अंदाज  में पिरोया - 

सूरज की है लालिमा, लगती सुंदर भोर।
झूम - झूम बहती हवा,खूब मचाए शोर।।

अगली कड़ी में श्रीमती अनिता झा जी ने "भोर" विषय पर "पिया मन भावन" में स्त्री में प्रकृति को समाहित करती बड़ी ही सुंदर अभिव्यक्ति की है...

" पिया की राह बन
उजियारा नया सवेरा हूं।

इसके आश्चत श्रीमती सीमा निगम जी ने " भोर" पर आशावादी सोच रखते हुए अपने शब्दों का जादू कुछ ऐसे चलाया....

ज़िन्दगी एक भोर है,
सूरज की तरह निकलते रहिए।

इसके साथ ही श्रीमती कृति प्रदीप जी ने वर्तमान परिस्थितियों पर चिंता व्यक्त करते हुए भविष्य के प्रति आशान्वित करती कविता रची....

हाँ, मेरा विश्वास,
मेरी 'भोर'के करीब है।।

इसके साथ ही महिला काव्य मंच की रायपुर शाखा प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती शुभ्रा ठाकुर जी ने अपनी भावनाओं को
 " आएगी एक ऐसी भोर " के माध्यम से प्रकृति के खिलवाड़ से उपजी समस्याओं पर चिंता व्यक्त करते हुए समाधान के साथ भविष्य के प्रति सुखद उम्मीद जताई है....

भोर फिर बिखेर देगी
विश्वास की किरण हर ओर।।
इसके साथ ही सभी चिंतनशील कवयित्रियों ने अपनी - अपनी रचनाओं में समस्या से समाधान की ओर अपनी कलम चलाई और समाज के प्रति अपनी सार्थकता का सुंदर प्रमाण दिया।।

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