माँ की चिट्ठी बच्चों के नाम - नीता झा
सच्चे, छोटे, कोमल मन से।।
मुझको पूरा किया है बच्चों ने..
कोमल लतिका थी कभी जो।।
अब फलदार वृक्ष किया बच्चों ने..
विविध रिश्तों की फुलवारी से।।
सदा पुलकित किया है बच्चों ने..
धन्य भाग्य जो तुम सब हो मेरे।।
माँ, चाची, मामी, बुआ, मैसी, मैम..
और दीदी, भाभी कह मान दिया बच्चों ने।।
नीता झा
सही है, पौधों में खुशबू कलियों से ही आती है।
जवाब देंहटाएंसत्य कथन
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
सत्य कथन , बढ़िया कृति
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
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