जीवन मे सुख के प्रमुख स्रोत...... नीता झा।


जीवन मे सुख के प्रमुख श्रोत क्या हैं...
भगवान - जिनकी सबसे विशिष्ठ रचना हैं हम वे हमेशा विभिन्न प्रकार से हमारा मार्गदर्शन करते रहते हैं। जिसे समझ गए तो सुख ही सुख है....
ग्रह नक्षत्र - ये विभिन्न तत्वों की विशेषता लिए हुए सतत चलायमान रहकर अपनी जिम्मेदारियों का बोध कराते हैं। समय पर किया सही काम सुख का द्वार खोलता है....
भाग्य - भाग्य की चाबी चाहिए तो सकारात्मक सोच रखें आधा गिलास भरा देखने की आदत रखें नियत हो अपने अतिरिक्त श्रम से पूरा कर्म करें  निःसन्देह सौभाग्य का तिलक भाल सजेगा....
रिश्तेदार - प्रकृति के दिये वे अनुपम उपहार हैं जो हमारे जन्म - मृत्यु से परे हमसे जुड़े होते हैं। अपनी उम्र और रिश्ते की मर्यादा इस प्रकृति प्रदत्त उपहार की सबसे बड़ी पोषक है। प्यार सम्मान दें बदले में प्यार सम्मान मिलेगा ....
पड़ोसी - हमारे जीवन के वो सबसे करीबी लोग जिन तक सबसे पहले हमारे सुख दुख की खबर पहुंचती है। जो सबसे पहले हम तक आते हैं। यदि हम उनसे अपनत्व और सम्मानजनक व्यवहार रखते हैं तो बदले में हमे भी उसी सुख की अनुभूति होती है....
सरकार - सरकार हमारी ही तैयार की हुई एक व्यापक व्यवस्था है जो परिवर्तित भी होती रहती है। साथ ही परिष्कृत भी यदि हम सोच समझकर चयन करें और सरकार की योजनाओं, नियमों का भलीभांति पालन करेंगे तो एक स्वस्थ, ऊर्जावान, सर्वगुणसम्पन्न देश की शान बनेंगे
हमेशा आस्तिक भाव मे रहकर प्रकृति प्रदत्त साधनों, नियमो का आनन्द ले। स्वावलंबी बनें सकारात्मक सोच के साथ अपने अपनो के प्रति अपनत्व भाव से सहयोगी प्रवृति रखें। सदैव आदर्श पड़ोसी धर्म का पालन करें। हम एक प्रगतिशील देश के सभी, संतुलित नागरिक होने का परिचय दें। 
  अपने आप को संतुलित रख कर अपने अपनो के साथ रहना प्रतिदिन उत्सव का आभास कराएगा जो बातें पीड़ादायक लगती हैं वे ही आनन्ददायक पल लगेंगे।
नीता झा

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