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शीर्षक - नर्तन नन्ही बूंदों का - नीता झा।

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वो नर्तन नन्ही बूंदों का सजन... आल्हादित करता मेरा तन मन।। धूप-छांव के खेल खेलता नभ... बादल आते जब उमड़-घुमड़।। बिजली कड़क चमके प्रियतम... इंद्रधनुषी आखेटक मोहता मन।। बुलाती बछिया को रंभा गौ मां... काग कलरव सा व्याकुल मन।। बन्द खिड़कियां झकझोरती... उत्तुंग शिखर लांघती ठंडी हवा।। द्वार खोलने आतुर शोर मचाती... वायुवेग से लचकती बलखाती।। बूंदों से होता फिर उन्मुक्त प्रसंग... नेह भाव से प्रफुल्लित धरती पर।। चहुं ओर खिलते फूल सुवासित... चहुं ओर खिलते फूल सुवासित।। नीता झा

सूर्यनमस्कार-

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सूर्य नमस्कार वैदिक काल से हमारे ऋषि-मुनियों द्वारा भगवान सूर्य की उपासना तथा स्वास्थ्य लाभ हेतु की गई आसनों की अत्यंत प्रभावशाली श्रंखला है। नियमित रूप से सूर्यनमस्कार करने के शारिरिक एवं मानसिक सकारात्मक प्रभाव सहज ही दिखने लगते हैं। सूर्यनमस्कार पूर्वाभिमुख या उत्तराभिमुख होकर करना चाहिए। सूर्यनमस्कार करने के लिए सबसे सही समय सूर्योदय के समय होता है। सुबह नित्यकर्म से निवृत होकर खाली पेट सूर्यनमस्कार करना चाहिए। सूर्यनमस्कार तथा अन्य आसनों के आधे धंटे तक कुछ भी खाना पीना नहीं चाहिए। सूर्यनमस्कार आराम से करना चाहिए जल्दी जल्दी नहीं करना चाहिए। सूर्यनमस्कार में सात आसन होते हैं जिनमे शुरू के पांच तथा आखरी के पांच आसन समान होते है।  छठवां तथा सातवां आसन एक बार ही किया जाता है। इनकी बारहों आसनों के नाम तथा लिए बारह मंत्र ये है.... 1 ॐ मित्राय नमः  - प्रणाम आसन 2ॐ रवये नमः  - हस्तोतानासन 3ॐ सूर्याय नमः - पादहस्तासन 4ॐ भानवे नमः-  वाम अश्वसनचलन 5ॐ खगाय नमः - पर्वतासन 6 ॐ उष्ण नमः - अष्टांगनमन 7 ॐ हिरण्यगर्भय नमः - भुजंगासन 8 ॐ मरीचये नमः - पर्वता...

"मानवता के लिए योग" अन्तराष्ट्रीय योग दिवस 2022 - नीता झा

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मानवता के लिए योग अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आइए हम मिलकर  योगाभ्यास करें....  आदियोगी शिव शिवा के आशीर्वाद तथा युगों युगों से हमारी पवित्र भारत भूमि के समस्त ऋषियों, योगियों की दी हुई इस महान विरासत के सम्मान हेतु आइए हम सभी मिलकर सपरिवार योगमय जीवन की ओर बढ़ते हैं।   योगाभ्यास केंद्र में आकर एकसाथ योगाभ्यास करते हैं। अपने व अपने अपनो को स्वस्थ जीवन जीने की राह पर चलते हैं.... योग पर थोड़ी चर्चा, प्राकृतिक चिकित्सा कैसे हमारे जीवन मे शामिल है और कैसे इसे और प्रभावी बनाएं इन बातों पर प्रकाश में सुबह के स्वल्पाहार की जानकारी के साथ सात्विक स्वल्पाहार की व्यवस्था की गई है आइएगा जरूर  कुछ ध्यान देने योग्य बातें..... 1 - प्रातः काल बिना कुछ खाए हुए आइएगा। 2 - शौच इत्यादि से निवृत होकर आएं। 3 - अपने साथ योग मैट अथवा सूती थोड़ी मोटी दरी, चादर, रुमाल इत्यादि लेकर आएं। 4 - सरलता से अभ्यास करने के लिए सूती कपड़े पहने जो न बहुत कड़े हों न बहुत ढीले ही हों यदि बहने साड़ी पहन रही हैं तो लेगिंग्स भी अवश्य पहने। 5 - हम योग प्रोटोकॉल...