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हम और हमारे अपने - नीता झा

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कोरोना वायरस के कारण हुए अचानक के लॉक डाउन ने बहुत बड़े खतरे को किसी हद तक बहुत कम किया सही समय पर किये सही फैसले ने हमे जानलेवा मुसीबत से काफी हद तक बचाया अन्यथा प्रभावितों, संक्रमितों और मृत लोगों में इतनी तेजी से वृद्धि होती जिसे सम्हाल पाना मुश्किल होता कुछ कुछ अपवादों को छोड़ दें तो सारा देश इस महामारी में एकजुट हुआ है।  जो हमारे लिए गर्व की बात है इसकी शुरुआत घर से होती है। हर इंसन अपने आपको और अपने घर के प्रत्येक सदस्य की हिफाजत को लेकर काफी सतर्क है इस महामारी में कोई भी किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं कर रहा है।    ऐसा ही हौसला यदि हमसब में तब तक कायम रहे जब तक कोरोना के प्रकोप को पूरी तरह से खत्म न किया जा सके तो हम इस समस्या पर विजय पा लेंगे यह कठिन सफर है बहुत सी मुश्किलें हैं किन्तु मंजिल में हमारी और हमारे अपनो की जिंदगी खड़ी है हमारा इंतजार करती ढेर सारी खुशियों के साथ तो आइये पहले तो मुश्किलों पर विचार करें फिर उसके समाधान पर काम करेंगे।     लॉक डाउन के दौरान सबसे अहम समस्या आर्थिक मंदी की आने वाली है घर में बैठ कर हम बीमारी से तो सुरक्षित हो गए किन्तु का

आकेलापन - नीता झा

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क्या तुम जानते थे सह न सकेंगे ग़म तुम्हारा बिछड़ कर तुमसे  बिलख पड़ेगा मन हमारा पर चले गए जाना ही था तो गए तुम हम हैं यहीं यादों में डूबते उतरते तुम्हारी तुन्हें खो खाली लौटे बंद हुए घरों में हम अपने सबों से दूर हुए जीने की खातिर ही सही गुनने लगे हैं सारे लम्हे जो बिताए साथ साथ तुम चले गए शांत चुप चाप न कुछ कहा न कुछ सुने अब सोचती हूं पहुँचूँ तमाम उन रिश्तों तक जिनको मैं जीती हूं और जो धड़कते हैं मुझमे टटोलूं, सम्हालूँ, पुकार लूं मिलकर खूब कहूँ मन भर उन्हें सुनती ही रहूं न जाने कब वो मुझसे या मैं उनसे बिछड़ जाऊं तुम्हारी तरह शांत, चुपचाप न कुछ कहे न कुछ सुने और छोड़ दुं धीरे धीरे जीना ओढ़ लूं उदासी पर अपनी खुशियों की एक महीन चादर नीता झा

हम क्या करें - नीता झा

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इंसान की परख करनी हो तो मुसीबत में करो खुशियों में तो सारी फ़िज़ा ही झूम उठती है"  यह लाइन अभी मानव निर्मित कोरोना वायरस के प्रकोप में सिद्ध हो रही है। आज जब पूरा विश्व इस भयंकर महामारी से जूझ रहा है हमारे भारत देश में इसका प्रकोप कुछ कम है। अच्छी बात है किन्तु अभी इस ओर बहुत ध्यान देने की जरूरत है। हमलोग बहुत समय तक घर में बैठने पर मुश्किल में पड़ सकते हैं अतः हमे स्वयं को बीमारी से बचाते हुए जीवनयापन हेतु वापस अपने कामो में लौटना ही पड़ेगा क्योंकि सीमित संसाधनों के साथ यदि हम इस महामारी से लड़ने वाले हैं तो निःसन्देह अपनी रोगप्रतिरोधक शक्ति  बढ़ानी होगी अपनी जीवन शैली में कुछ परिवर्तन लाना होगा इसके लिए हमे  1 अपना आहार विहार सही रखना है - हमे जीवित रखने के लिए शुद्ध हवा और सात्विक आहार पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। घर में पकाया हुआ भोजन ही करें कच्ची चीजें खाने से बचें और यदि खा भी रहे हैं तो उसे अच्छी तरह  गर्म पानी में धो कर ही खाएं कहीं भी बाहर  कुछ भी खाने - पीने से बचें। 2 यहां वहां की बातों में आकर बदपरहेजी से बचें- अभी सोशल मीडिया में कई तरह की जानकारियां दी

ज़िंदगी - नीता झा

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ज़िंदगी उतनी भी व्यस्त नहीं थी जितनी हमने उसे बना रखी थी रसोई के ख़ाली मर्तबानो से लम्हे और उनके अजीबोगरीब मसले रुतबे के नाम भरी थोथी कोशिशें और उनसे उपजी दर्द की संगीने सब थम गया हुई ज़रा सी आहट और तमाम मुश्किलें रुक सी गईं दहलीज़ के बाहर ही दुबक कर और सज गए पुरसुकून लम्हे  जिनका था बरसों से इंतज़ार पक रही है बड़े अदब से दाल सिंक रही है प्यार से नर्म रोटियां जो बंद हुईं बाहरी रसोइयां तो भा रही पुरी, सब्जी औरअचार नीता झा