अतिथि, स्वागत आपका - नीता झा
कोरोना वायरस ने पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया है। बड़े-बड़े शक्तिशाली देश भी इसकी गिरफ्त से नहीं बच पाए ऐसे में हम विकासशील और घनी आबादी वाले भारत वासियों को भी सावधान रहना चाहिए लोग ध्यान भी रखते हैं। यही कारण है कि हमारे यहां थोड़ी बहुत राहत है।
वहीं कुछ लोग बदपरहेजी करते दिख जाते हैं। ये वही चन्द लोग हैं, जो अपनी नासमझी या अज्ञानतावश बहुतों को खतरे में डाल रहे हैं, तो क्यों ना हम सभी लोग अपने-अपने घरों के सामने इस तरह के पोस्टर लगवाएं।
अतिथि, स्वागत आपका
हम आभारी होंगे यदि आप अत्यंत आवश्यक कार्य होने पर ही पधारें। कॉलबेल बजाने के बजाए मेरे नंबर......... पर कॉल करें। कोरोना वायरस के जानलेवा प्रकोप से स्वयं को व अपने परिवार को सुरक्षित रखें हमारी यही कामना है हम सभी सपरिवार स्वस्थ, प्रसन्न और दीर्घायु हों।
" महामारी पर सम्पूर्ण विजय तक, सामाजिक दूरी
फिर न होगी अपनो से मिलने, ऐसी कभी मजबूरी"
साथियों महामारी की विभीषिका अपने चरम पर है ऐसे में हमे ज्यादा सतर्क, सावधान रहना है। सरकार ने लॉक डाउन में बहुत ज्यादा ढील दे दी इसका ये मतलब नहीं है की सब सामान्य हो जाएगा या सब ठीक हो रहा है। ऐसा कुछ नहीं है। अभी आपको अपनी व्यवस्था के अनुसार अपने नियम बनाने होंगे अपनी व अपने परिवार की चिंता आपको करनी होगी।
महामारी से बचाव जरूरी है इसके लिए सावधानी रखना सबकी प्राथमिकता होनी चाहिए इतने बड़े देश में सभी को कई महीनों तक लॉक डाउन किया जाना सम्भव भी नहीं । आवश्यक सेवाएं शुरू करना हर देश की मजबूरी सी हो गई है। अब यहां हम नागरिकों की भूमिका अहम हो जाती है। हमे उन सभी स्वास्थ सम्बंधित नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा जो सरकार द्वारा जारी की जाती हैं।
बहुत जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें, जितनी जल्दी हो सके वापस घर आकर पूरी तरह से खुद को संक्रमण से मुक्त करें क्योंकि समय अच्छा हो या बुरा ज्यादा देर तक एक सा नहीं रहता फिर यह बुरा समय भी निकल ही जाएगा। फिलहाल अपनी और अपने अपनो की ज़िंदगी बचना ही हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
हम हमेशा से ही अपने पड़ोसियों, रिश्तेदारों, मित्रों और सहकर्मियों से मेल- मुलाकात करते ही रहे हैं, यदि कोई अचानक कहे आपको किसी से नहीं मिलना है। ऐसे में बुरा तो लगता है। लेकिन कोरोना वायरस से तबाह हुई अनगिनत जिंदगियों का विलाप और उनकी पीड़ा देखकर लगता है। चाहे कुछ भी हो सबकी भलाई के लिए परहेज तो किया ही जा सकता है।
नीता झा
बहुत आवश्यक व उपयोगी जानकारी ।
जवाब देंहटाएंवाह !बिलकुल सही बात कही है👌👌 समय अच्छा हो या बुरा ज्यादा देर तक एक सा नहीं रहता फिलहाल अपनी और अपने अपनो की ज़िंदगी बचाना ही हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। बहुत बढ़िया कथन 👍👍
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
हटाएंबहुत बढ़िया ।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
हटाएंसचमुच सहीं लिखा है ,, नीता।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
हटाएंएकदम सत्य, दीदी ।
जवाब देंहटाएंवाह बहुत अच्छा लगा आपका सुझाव, यथासंभव हम सभी को अपने अपने स्तरों पर इस महामारी को फैलने से रोकना चाहिए।
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