नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की पुण्यस्मृति नीता झा

हमारे देश के स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी जिन्होंने अपना सारा जीवन देश को स्वतंत्र करने में लगा दिया। जब उनका प्लेन क्रेश हुआ उसमे उनकी देह नहीं मिली.... सम्भवतः ये भी रहस्य उनके साथ ही रहा रहस्य हमेशा बहुत सी कहानियों को जन्म देता है। एक कहानी ये भी है कि उसी दौर में एक साधु के होने की पुष्टि कई जगह होती है जो नेताजी की तरह थे। खैर नेताजी व्यक्ति नहीं विचार बनकर आज भी देश में विद्यमान हैं। उन्हें और उन जैसे महान देशभक्तों को मिटाना हिमालय की सारी चोटियों को खोद कर खाई बनाने जैसा असम्भव है। उनकी जीवन भर की संचित देशभक्ति की ऊर्जा हमेशा हर भारतीय को गर्वित करती रहेगी। हमारी भारतीय संस्कृति में जन्म- मृत्यु को लेकर जो सिद्धांत बनाए गए हैं उनका इतिहास बहुत पुराना है। उसे समझने, प्रतिपादित किये जाने तथा जनमानस तक पहुचने में वर्षों लगे होंगे और हजारों सालों तक जो बातें अथवा संस्कार हमारे व्यक्तित्व में विद्यमान हैं उनकी सार्थकता स्वयं सिद्ध होती है। हमारी भारतीय परम्परा के अनुसार आत्मा अमर होती है और स्थूल शरीर नश्वर होता है, अर्थात स्थूल शरीर नष्ट हो...