वट सावित्री की शुभकामनाएं - नीता झा।
तुम्हे देख इस सलोने रूप में.. समय लौट आता है वापस। इस उमस भरी गर्मी में जब.. तुम सिंगार बहुत करती हो। पांव में पायल, बिछिया और.. चटख आलता सजाती हो। हाथों में मैचिंग की चूड़ियां.. जेवर भी मन से पहनती हो। दौड़ भाग भी सारा दिन कर.. बड़े चाव से पूजा करती हो। बड़ा भाग्य मेरा मेरी खातिर.. व्रत उपवास भी करती हो। मन बड़ा आभारी उस पल.. जब शीतलता देने को तुम। पंखा बड़े प्यार से झलती.. सच तुमसँग अच्छा लगता है। जितने जन्म वो बीते तू संग.. ये भगवती से मैं मांगता हूं। तुम करो पूजा मेरी खातिर.. मैं तुम्हारे लिए विनती करता हूँ। अभी व्रती देवियों को वटसावित्री की शुभकामनाएं प्रणाम आशीष यथायोग्य हम सभी के जीवन मे सदा सौभाग्य बना रहे सभी बड़ो का आशीर्वाद और सभी देवी देवताओं की कृपा बनी रहे नीता झा